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Showing posts from April, 2017

सबसे छोटी दोपहर

ख़ामोशी से भरा घर

दो झपकी के ख़याल में

तुम बहुत पहले से मेरे दिल मे हो

करने से होने वाली चीज़ें

वो जाने क्या शै थी?

इतने सारे दुःख उगाने के लिए