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Showing posts from March, 2020

रेत को देशनिकाला

इन दिनों की याद

छायाकार की तस्वीर में रखी बेचैनी

बियाबान में भागती रेल

जनता कर्फ्यू।

बारूद से बिछड़े पलीते

धुंध का कालीन

मैं चलकर मुझतक जाना चाहता था

बारिश की सीलन

जादूगर का दुःख