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Showing posts from May, 2020

दो सूखे पत्ते नम मिट्टी में

तुम्हारे इंतज़ार में - 2

उसके बिछड़ने की बात

रोटी एक पहिया हो गयी है

घर कितने दूर हो गए हैं

इंतज़ार से भरी सुबहें

कि माँ कहीं दूर नहीं हो सकती

अगर तुम प्रेम करते