July 30, 2022

तुम एक शुक्रिया रहना

माना के तुम साथ नहीं हो 
मेरे दिल के पास नहीं हो, मैंने ये माना
फिर भी आस लगी है दिल में

बादलों से भरी सुबह थी। मैं पुराने बस स्टैंड के कियोस्क के सिलसिले की एक दुकान के आगे बैठा हुआ था। अचानक गीत के ये बोल सुनाई दिए। मैंने अपनी नज़र मोबाइल से हटाई। झीने कपड़े का पजामा और कमीज पहने एक बुजुर्ग उलटे खड़े थे। उनके हाथ में मोबाइल था और ये गीत प्ले हो रहा था।

मैं मुस्कुराया। कवर वर्जन प्ले हो रहा था। ये बहुत छोटा सा पीस है। अभी दो मिनट में खत्म हो जाएगा। मैंने इसे मोबाइल पर सर्च किया। उल्फत से कहा "भाई सुबह-सुबह बाबा ने दिन भर का काम दे दिया है। अब इसे ही सुना जाएगा"

पास में चाय की थड़ी पर डूंगर जी किचन ऐप्रिन पहने चाय उबाल रहे थे। चाय की खुशबू भीगे मौसम में ठहर कर आगे बढ़ रही थी। हेमू अपने काम में खोए थे। रवि दूकान जमाने में लगा था मगर मैं नब्बे के दशक तक लौट चुका था। 

शाहिद कपूर एक कमसिन लड़के की तरह याद आए। एक झबरैला पिल्ला याद आया। एक बेखबर लड़की याद आई। जिसे मालूम न था कि एक लड़का अपनी गुल्लक तोड़ कर उधारी करके भी उसे सबसे सुंदर कपड़े भेंट करना चाहता है। 

डीजे नारायण थे न। वे जो आर्यन बैंड के लीड वोकलिस्ट थे। उन्होंने हाल ही में नौकरी छोड़ी। भारत सरकार के बड़े अधिकारी थे। लॉक डाउन में उनको याद आया कि नौकरी वोकरी ठीक है मगर अपने पैशन को नहीं छोड़ना चाहिए। 

मैं जानता हूं कि ज़िंदगी में सफलता हादसे का नाम होता है। एक बार जो हासिल हुआ, उसे किसी सूरत में दोहराया नहीं जा सकता। 

मैं यूट्यूब पर गीत सुन रहा हूं। उल्फत खोए हुए हैं। मैं समझता हूं कि कोई ज़रूरी बात है मगर सब ज़रूरी बातों का कोई क्या कर सकता है। समय आने पर ठीक होने या भूल जाने के सिवा ज़रूरी बातों का कुछ नहीं किया जा सकता।

सिगरेट का धुआं हल्का है। उमस भारी है। जैसे ज़िंदगी के प्लान हल्के होते हैं मगर उनका एग्जीक्यूशन बहुत भारी होता है। मैं कहता हूं "कितना सुरीला गाया है। दीवाना..." 

किसी रिश्ते में साल दो साल बात नहीं हो, तब मैं बहुत सोचने लगता हूं। चाहता हूं कि आगे होकर आवाज़ दे दूं। मैं जानता हूं एक उखड़ा हुआ जवाब आएगा मगर ये कितना रिलीविंग होगा कि मैं आवाज़ दे सका। मैंने उसे बता सका कि कुछ भी इकतरफा नहीं होता। 

बिना बसों वाले बस स्टैंड पर कारोबार अपनी गति में चलता रहा। मैंने उल्फत से कहा कि ज़रा अपने मोबाइल से इन बा की तस्वीर खींच दीजिए। 

ये यहां काम करते हैं मगर नौकर नहीं है। सुबह अपनी मर्जी से आते हैं। सामान बांधने में मदद करते हैं। कुछ भजन सुनाकर, कुछ हंसी करके ज़िंदगी को ठेंगा दिखाकर लौट जाते हैं। 

ज़िंदगी आपको कुछ भी दिखा सकती है। कुछ भी... आपकी कलगी के सब पंख कब झड़ जायेंगे, ये आप सोच भी नहीं सकते। इसलिए जिस किसी ने आपसे प्रेम किया हो, उसे प्रेम ज़रूर करना। 

बस यही सुख है। शुक्रिया।

अलाव की रौशनी में

मुझे तुम्हारी हंसी पसन्द है  हंसी किसे पसन्द नहीं होती।  तुम में हर वो बात है  कि मैं पानी की तरह तुम पर गिरूं  और भाप की तरह उड़ जाऊं।  मगर ...