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Showing posts from December, 2015

कितनी तहें हैं, और रंग कितने हैं

दिसम्बर का महीना आरम्भ हो गया है. हल्की ठंड है मगर सर्द दिन ही हैं. सुबह धूप में बैठे हुए मुझे पुलिस दरोगा ओचुमेलोव की याद आई. और उसके साथ एक ग्रे हाउंड किस्म का मरियल कुत्ता और सुनार खुकिन याद आया. चेखव की कहानी 'गिरगिट' हमें बचपन में पढ़ाई गयी थी. शिक्षा विभाग ने सोचा होगा कि ऐसी कहानियां पढ़कर बच्चे सीख लेंगे. लेकिन बच्चों ने इस कहानी को पढ़ते और समझते हुए क्या सीखा मुझे नहीं मालूम मगर मैंने जो सीखा वह साफ़ सुथरा था.  एक- मनुष्य के स्वभाव एवं व्यवहार की जानकारी लेना दो- कथा की विषयवस्तु को अपने अनुभवों से जोड़ना तीन- नवीन शब्दों के अर्थ जानना और अपने शब्द भंडार में वृद्धि करना चार- नैतिक मूल्यों में वृद्धि करना इनके सिवा जो कुछ और बातें कहानी के बारे में बनायीं जा सकती थीं, वे छात्र को आधा अतिरिक्त अंक दिलवा सकती थी. इसमें आगे हमारे अध्यापक कहते थे कि इस तरह की कहानियां पढने से कथा कौशल में वृद्धि होती है.  कहानी आपने पढ़ी होंगी. इस कहानी में एक कुत्ता व्यक्ति की अंगुली काट लेता है. कुत्ते की पकड़ के हंगामे के दौरान सख्त ...