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डिजिटल क्रिएटर्स का बरस

क्षणभर का प्यार

कितने ही सबब

न हथाई, न राम राम

कौनसे अमीश

उन्मुक्त प्रेम की चाहना

तुम एक शुक्रिया रहना

माया

मिलेंगे किस से?

अतीत कोई मर चुकी शै नहीं है

बता दो कि तुम हो।

तस्वीरों में दुःख

कट ही जाएगा सफ़र

रूठी रानी

चंद तस्वीरें बुतां

बहुत निकट का भ्रम

कि सोचना खुद एक गुंजलक शै हो चुकी

अपने लिखे में ढल जाना

शायद प्रेम हाथी होता है