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Showing posts from July, 2017

कभी इस तरह थाम सकोगे

तेरे वास्ते

अक्सर

जैसे दो लोगों के बीच कुछ बचा न हो.

मैं क्या कहता उसको?

धुएं के नीम नशे में स्वप्न