Posts

Showing posts from May, 2016

लगा लो होठों से

पार्टनर तुम आबाद रहो.

एक जुगलबंदी को

कासे में भरा अँधेरा

चल दिए सब चारागर

जाने किसी और बात की

केसी, क्या हो तुम?

दिल उदास तो नहीं मगर

तुम पुकारना