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Showing posts from June, 2010

अलग किस्म की याद जैसे 'साही' की पीठ पर काला सफ़ेद तीर

स्त्री तुम सदा सुहागन रहो, अभी हमारे पास दूसरे काम हैं...

खुद को धोखे देने की बीमारी, तुम्हारी याद और जिम मोरिसन

कुछ बीती हुई शामों का हिसाब और एक अफ़सोस ?

तोन्या, चाईल्ड मोलेस्टेशन और मेरा विचलित विश्वास