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Showing posts from 2019

वह एक अफ़ीम ही था।

पानी के रंगों वाला पेड़

तुम भय के बारे में क्या जानते हो?

एक लिफाफे में रेत

रंगीन पैबल्स

खुद के पास लौटते ही

माँ है

चाहना

अवसाद एक अजगर है

बातों के ठिकाने

किसी लालच में

हमें बिछड़ना चाहिए

नुई बात नव दिन

तुमने मेरे लिए कुछ किया था

कोई खोया हुआ शख्स

हमारे पास क्या कुछ है?

परमिंदर

नदियों का हत्यारा

ठहरे उदास चितराम

मैसेंजर बैग

किसी बात का तो है

सोशल साइट्स एक फन्दा है

प्यार में कभी-कभी

इसके आगे क्या कह सकता था

बाखळ