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Showing posts from April, 2013

दुछत्ती से उलटा लटका मकड़ा

शायर और अफ़साना निगारों के बारे में कुछ झूठी बातें।

सब चारागरों को चारागरी से गुरेज़ था

कुदरत ने बख़्शी है मुझे खुशियाँ

कई दफ़ा और रूआँसा लड़की

तुम्हारा इंतज़ार है...

हम जाने क्या क्या भूल गए