गिद्धों के स्वप्न में भूख से मरते प्राणी होते हैं। निम्नस्तर की राजनीति में विचारहीन धड़ों में बंटे हुए लोग होते हैं।। महान चिंतक चाणक्य ने कहा है "जिस प्रकार सभी पर्वतों पर मणि नहीं मिलती, सभी हाथियों के मस्तक में मोती उत्पन्न नहीं होता, सभी वनों में चंदन का वृक्ष नहीं होता, उसी प्रकार सज्जन पुरुष सभी जगहों पर नहीं मिलते हैं।" किसी भी धर्म और जाति में सब सज्जन हों, ये कामना करना असम्भव सा है। हर स्थान पर ओछे-टुच्चे, नीच-कमीने, लालची-धोखेबाज़ और इसी तरह कमतरी के दोषों से भरे लोग होते हैं। बाड़मेर में कुछ दिनों से निरन्तर अफवाहें बढ़ती जा रही हैं। जाट और राजपूत नाम से धमकियां ली और दी जा रही है। दिन प्रतिदिन घटित होने वाली घटनाओं को असहज जातिगत रूप देकर प्रस्तुत किया जा रहा है। बाड़मेर शहर में कुछ एक घटनाओं को लेकर आम चर्चा है। उन घटनाओं का उल्लेख करना असल में उनको हवा देना होगा इसलिए मैं उनका उल्लेख नहीं कर रहा हूँ। लेकिन कुछ रोज़ पहले एक ज़मीन के टुकड़े को लेकर हुए विवाद में एक ही जाति के दो पक्ष लहूलुहान हो गए थे। सोचिये अगर ये सब दो अलग जाति के पक्षों में हुआ ह...
[रेगिस्तान के एक आम आदमी की डायरी]