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क्षणभर का प्यार

बहुत सारा प्यार 
क्षणभर का प्यार होता है। 

सर्द रात में बेहद अजीब सपने के बीच हल्का जागता हूं। सोचता हूं कि ये सपना है। सपने में बहुत ठीक पढ़ी जा सकने वाली संख्या है। सपने में दिखने वाले चेहरे पक्के हैं। ये सोचते हुए एक करवट लेता हूं और नींद फिर आ जाती है। सपना जैसे नींद की प्रतीक्षा में ही था। वह फिर नए रंग और नई जगह ले जाता है। 

अस्पताल के गलियारों में कम भीड़ थी। हम रेगुलर चेकअप के लिए डॉक्टर की प्रतीक्षा में कुर्सी पर बैठे थे। कुछ अजीब नहीं था। सुबह के दस बजे थे। सपनों का संसार बहुत पीछे छूट चुका था। 

प्रतीक्षा से भरी जगह में उदासीन चुप्पी थी। केवल एक उत्साहित दंपत्ति थे। उनका उत्साह ये था कि वे सुबह पांच बजे गांव से बस पकड़ कर डॉक्टर को दिखाने सबसे पहले पहुंच गए थे। 

बड़े निजी अस्पतालों में पसरी रहने वाली कृत्रिम चुप्पी में वह जोड़ा अपनी अपने आप को शामिल नहीं कर पाया था। बाकी रोगी और उनके सहयोगी चुप बैठे हुए थे, वहीं वे डॉक्टर के आने की आशा में उचक कर देखते। अपना पहला नम्बर होने पर खुश होते। 

मैंने व्हाट्स एप देखा। देखने के साथ ही एक उदघोषणा सुनाई दी। 

कोड ब्लू एट टीएमटी 

मैं कहीं खोए हुए होने से बाहर आया। उदघोषणा जल्दी में तीन बार की गई। मुझे खयाल आया कि टीएमटी पर अपने हृदय की क्षमता जांच करवाते कोई कोलॉप्स हो गया है। 

मुझे नहीं मालूम कि असल में डाक्टरी भाषा में इसका ठीक मतलब क्या रहा होगा। किंतु मैं इतना ही सोच पाया कि वह जो कोई भी है, गिर चुका है।

उसके सीने में अजब मरोड़ उठी है। उसकी सांस रुक गई है। वह लगभग मृत्यु से साक्षात्कार की स्थिति में है। ये उसकी रूखसती का क्षण है। 

मुझे लगा कि उसने पूछा है। ये आपने मेरे लिए लिखा? मैं इसका जवाब जानता था। किंतु मैं पूछ रहा था। क्या? इसलिए कि किसी से प्रेम करना क्षणभर का ही होता है।

हम बहुत दूर कितने दूर तक चल सकते हैं 
इसलिए अच्छा है कि हम बहुत समय तक खुद को चुप रख सकें। 

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