सदा न फूले तोरई सदा न सावन होय
सदा न जीवन थिर रहे सदा न जीवे कोय.
पत्ते झड़ रहे हैं. चम्पा की शाखाएं सूनी होती जा रही हैं. सुगंध बिखरने वाले अधिकतर फूल झड़ गए हैं. कुछ एक बचे हैं.
सीढ़ियों पर छांव बिखरने वाला, उनको अपने पीछे छिपाए रखने वाला चम्पा अपने पत्तों का त्याग कर चुका है. वह रिक्त हुआ है. वह इस रिक्तता को नई कलियों और पत्तों से भरेगा.