जब आप वक़्त का टूटा हुआ आईना देखते हैं तब पाते हैं कि आपके माथे की सलवटों में तकलीफ़ों के निशान कम और उन नेक इन्सानों के नाम की लकीरें ज्यादा है। वे इंसान जो आपको बचा कर ज़िंदगी के इस मुकाम तक लाये हैं। मगर मुहब्बत और ऐसी ही दूसरी बरबादियों की लकीरों के पार जाकर वे नाम पढ़ने के लिए चाहिए एक उम्मीद की रोशनी।
वे मजे मजे के सात आठ दिन
गुच्छे में बंधे हुये फूल गुलाब के
किसी फोन के बहाने बार बार, सूरत चुपके से देख लेना चाँद की।
सुबह नंगे पाँव फर्श पर चलते हुये सुनना
रात की चादर में गुम, सब लड़ाइयाँ
कि फिर से गिर पड़ना किसी पुराने प्यार में।
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ये दुनिया इसीलिए इतनी सुंदर है
कि इसके भीतर छिपे
रहस्यों को आप कभी जान नहीं पाते हैं।
मनुष्य का मन
राख़ के नीचे छिपा हुआ अघोरी का बदन है
जादू और भय से भरा हुआ।
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प्रेम डरता रहता है,
एक रात की सुकून भरी नींद से
और सुबह आती है किसी खोये हुये ज़माने की
चादर के नीचे से निकल कर अजनबी की तरह।
मगर हम करते जाते हैं, प्रेम।
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वह इतना स्ट्रेट फारवर्ड था
कि उसके तरीकों से क्रूरता की बू आती
हालांकि उसने सिर्फ ये तय कर रखा था
कि ज़िंदगी को फीलिंग्स के गारे से नहीं भर कर रखना चाहिए।
उसकी बार में मुझे खुद ही सर्व करना पड़ता था प्रेम
हालांकि वह भी था किसी कामगार की तलाश में
कि मुख्य दरवाज़े की हत्थी पर लटका हुआ था एक छोटा बोर्ड।
बीयर बार के लिए ज़रूरत है कुछ रूहों की
जो अदृश्य होते हुये भी बन सके बेहतरीन साकी।
और उनको चाहिए कि वे ऊंची फ्रिल वाली स्कर्ट पहने होने के बावजूद
मार्क्स के मजदूरों की तरह न उतर आए हड़ताल पर।
आवेदन करने से पहले
ईश्वर के लिए हमारी हालत के बारे में भी ज़रूर सोचिएगा
कि हमें नहीं चाहिए अपमान जैसी रोज़ रोज़ की ओछी शिकायतें।
जिस तरह अमेरिका सबका बाप है, उसी तरह ग्राहक हमारे लिए देवता है।
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[तस्वीर सौजन्य : नवीन जाजुन्दा]