मैंने दादी से कहा -"राउंड नेक टी और जीन्स में बहुत कम्फर्टेबल रहता हूँ पर दादी जब फॉर्मल कपड़े पहन लेता हूँ तब लगता है दिस इज अ पनिशमेंट। फिर मैं कोट कमीज़ को अलमीरा में टांग देता हूँ। ऐंड दादी व्हाट्स एप पर फोरवर्डेड मेटेरियल और जवाब न देने के बाद भी कमेंट्री की तरह आते मैसेज मुझे बहुत अनकम्फर्टेबल करते हैं। ये सब देखकर झुंझलाहट होने लगती है।" और फिर एक लंबी सांस लेकर कहा- "व्हाट टू डू दादी"
दादी ने कहा- "टेक इट ईजी। एक्सपेक्ट ट्रबल एज एन इनऐविटेबल पार्ट ऑफ लाइफ एंड पीसफुली इग्नोर देम।"
"मुझे अच्छा नहीं लगता दादी। प्लीज़ समझो।" मैंने उदास लहज़े और डूबी आवाज़ में कहा।
दादी ने गाल पर हाथ फेरा और कहा- "इंयों मोलो के पड़े है। ऐड़ो ने मूंडे ई मति लगा। आगा बळण दे।"
"ऐंड दादी यू नो? फेसबुक में कमेंट पर थ्रेड चलाने वाले भी झाऊ चूहे हैं।"
"मीन्स हेज हॉग?"
मैंने कहा- "हाँ दादी कांटों वाले चूहे"
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