हर चीज़ बदलती है।
अपनी आख़िरी सांस के साथ
तुम एक ताज़ा शुरुआत कर सकते हो।
लेकिन जो हो चुका, सो हो चुका।
अपनी आख़िरी सांस के साथ
तुम एक ताज़ा शुरुआत कर सकते हो।
लेकिन जो हो चुका, सो हो चुका।
जो पानी एक बार तुम शराब में
उड़ेल चुके हो, उसे विलग नहीं कर सकते।
जो हो चुका, सो हो चुका।
उड़ेल चुके हो, उसे विलग नहीं कर सकते।
जो हो चुका, सो हो चुका।
वह पानी जो एक बार
तुम शराब में उड़ेल चुके हो
उसे उलीच कर बाहर नहीं कर सकते।
तुम शराब में उड़ेल चुके हो
उसे उलीच कर बाहर नहीं कर सकते।
लेकिन हर चीज़ बदलती है
अपनी हर अंतिम सांस के साथ
तुम एक ताज़ा शुरुआत कर सकते हो।
अपनी हर अंतिम सांस के साथ
तुम एक ताज़ा शुरुआत कर सकते हो।
~ बर्तोल्त ब्रेख़्त
EVERYTHING CHANGES
Everything changes. You can make
A fresh start with your final breath.
But what has happened has happened. And the water
You once poured into the wine cannot be
Drained off again.
What has happened has happened. The water
You once poured into the wine cannot be
Drained off again, but
Everything changes. You can make
A fresh start with your final breath.
A fresh start with your final breath.
But what has happened has happened. And the water
You once poured into the wine cannot be
Drained off again.
What has happened has happened. The water
You once poured into the wine cannot be
Drained off again, but
Everything changes. You can make
A fresh start with your final breath.
~Eugen Berthold Friedrich Brecht