आले में रखी
प्रिय की अंगुली से उतरी
अंगूठी को छूकर आ रही
हवा की खुशबू से भरा कमरा.
चित्रकार की
आँखों में रंग करवट लेते हुए.
* * *
रात भर
लालटेन की रौशनी में
स्मृतियाँ बुनती हैं
स्याही पर सुनहरे पैबंद.
दिन के उजाले में
घर की बालकनी पर
ज़र्द होकर झड़ते हैं मुसलसल
पिछली रुत में खिले बोसे.
ज़िन्दगी जिसे कहते हैं
पड़ी हुई है एक खराबे में.
* * *
प्रेम के अतुल्य शोर के बीच
प्रेम का अपूर्व दुर्भिक्ष.
* * *
आतिशदान में बचाकर रखी हैं
अधेड़ प्रेमी-प्रेमिकाओं ने कुछ मुलाकातें.
जाने कब
उसे आख़िरी बार देख लेने का मन हो
और वह आख़िरी बार न निकले.
* * *
उदास ही सही
मगर चुप बैठे हुए,
भेजते हैं कुछ कोसने खुद को.
तुम न रहो तो
ज़रूरी नहीं कि न रहे कोई काम बाकी.
* * *
हर रुत एक सी कहाँ होती है. कई बार कल की कोई बात पीछे कहीं छूट जाती है. उसी विस्मृति की खोज में उदासी की अंगुली को थामे रहना कैसी मजबूरी होती है. ये सोचना कि किस तरह बदल जाता है सब कुछ. सीली भीगी बारूद की तरह जल ही नहीं पाते. ठहरे हुए वक़्त की गंध सघन होती जाती है. भीगी हुई माचिस की तीलियों को रगड़ कर फैंक देने या धूप का इंतज़ार करने की दुविधा के साथ...
[Painting Image Courtesy : Jane Beata]
प्रिय की अंगुली से उतरी
अंगूठी को छूकर आ रही
हवा की खुशबू से भरा कमरा.
चित्रकार की
आँखों में रंग करवट लेते हुए.
* * *
रात भर
लालटेन की रौशनी में
स्मृतियाँ बुनती हैं
स्याही पर सुनहरे पैबंद.
दिन के उजाले में
घर की बालकनी पर
ज़र्द होकर झड़ते हैं मुसलसल
पिछली रुत में खिले बोसे.
ज़िन्दगी जिसे कहते हैं
पड़ी हुई है एक खराबे में.
* * *
प्रेम के अतुल्य शोर के बीच
प्रेम का अपूर्व दुर्भिक्ष.
* * *
आतिशदान में बचाकर रखी हैं
अधेड़ प्रेमी-प्रेमिकाओं ने कुछ मुलाकातें.
जाने कब
उसे आख़िरी बार देख लेने का मन हो
और वह आख़िरी बार न निकले.
* * *
उदास ही सही
मगर चुप बैठे हुए,
भेजते हैं कुछ कोसने खुद को.
तुम न रहो तो
ज़रूरी नहीं कि न रहे कोई काम बाकी.
* * *
हर रुत एक सी कहाँ होती है. कई बार कल की कोई बात पीछे कहीं छूट जाती है. उसी विस्मृति की खोज में उदासी की अंगुली को थामे रहना कैसी मजबूरी होती है. ये सोचना कि किस तरह बदल जाता है सब कुछ. सीली भीगी बारूद की तरह जल ही नहीं पाते. ठहरे हुए वक़्त की गंध सघन होती जाती है. भीगी हुई माचिस की तीलियों को रगड़ कर फैंक देने या धूप का इंतज़ार करने की दुविधा के साथ...
[Painting Image Courtesy : Jane Beata]