आपने सुन ही रखा होगा। ऐसे निष्णात विदूषक जिनका कार्य चिकित्सालयों में जाकर रोगियों को हँसाना है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि उनके इस कार्य से रोगी का मन प्रसन्न होता है। रोगी में आशाओं का संचार बढ़ता है।
कुछ देशों में ऐसे पेशेवर अलग से नहीं होते हैं।
उन देशों में हर व्यक्ति विदूषक चिकित्सक होता है। वह चाहे मंत्री है, वकील है, कॉलेज का प्रोफ़ेसर है, असल का चिकित्सक है, दुकान वाला है, मिस्त्री है, हम्माल है या इसी तरह कुछ भी है। मगर वह विदूषक चिकित्सक है।
पूरा देश युद्ध और आपदाओं में चुटकुले बनाता है।
अक्ल के हवाई जहाज दुनिया को जानने की दौड़ में नष्ट होते रहते। मूर्ख की नाव अज्ञान की गंगा में सुख के मीठे हिलकोरे खाती हुई बहती है।
साधु-साधु।
* * *पेंटिंग विजेंदर शर्मा की है।