उनींदे की तरकश से
तुम्हारे आने तक
सब्र के आखिरी छोर पर रखा
एक तवील उफ़
एक काले रंग का रेगिस्तान का तूफ़ान।
****
एक तवील उफ़
एक काले रंग का रेगिस्तान का तूफ़ान।
****
चूने की मूरत
उखड़ती हुई पपड़ियों से झांकते
अतीत के ललाट पर लिखी हुई
सदमों की कुछ छोटी छोटी दास्तानें।
***
अतीत के ललाट पर लिखी हुई
सदमों की कुछ छोटी छोटी दास्तानें।
***
जादूगरी
तनहा बैठे गरुड़ के पंखों के नीचे
छुपी हुई उदासी जैसी, सीले दिनों की कोई शाम
छुपी हुई उदासी जैसी, सीले दिनों की कोई शाम
रखता हूँ अपने पास
कई बार ख़ुशी के लिए ऐसे टोटके काम आ जाते हैं।
****
कई बार ख़ुशी के लिए ऐसे टोटके काम आ जाते हैं।
****
किस्मत
वे अनगिनत तीर उड़ गए थे
किसी उनींदे की तरकश से
उन पर लिखा था जाने किसका नाम
मगर हवा बह रही थी, मेरी ही तरफ।
***
किसी उनींदे की तरकश से
उन पर लिखा था जाने किसका नाम
मगर हवा बह रही थी, मेरी ही तरफ।
***
अज्ञान
मुसाफिर जानता है
सूरज बुझ जायेगा रेत के कासे के पीछे
प्रेम को इसके बारे में, कुछ भी नहीं पता।
***
सूरज बुझ जायेगा रेत के कासे के पीछे
प्रेम को इसके बारे में, कुछ भी नहीं पता।
***
[Image courtesy : Natasha Badhwar]