एक बेहद पुरानी स्मृति

“कभी ऐसा हुआ कि हवा की आवाज़ में, चिड़ियों के शोर में, चारा काटने की मशीन में, पास से गुज़री मोटरकार की घरघराहट में, दूर कहीं मजदूर की गेंती की चोट में, कहीं भी, किसी भी, कैसी भी आवाज़ में केवल एक ही नाम सुनाई पड़ा हो?”

उसने क्षणांश में कहा- “हाँ”

उसके हाँ के पूरा होने से पहले ही कहा- “फिर सचमुच तुम जानते कि प्रेम होता है तो फिर किस कदर होता है. और शैतान को क्यों सुनाई पड़ता है. शैतान की प्रेमिका, शैतान की प्रेमिका, शैतान की प्रेमिका.”

ये सुनकर क्षणांश में उत्तर देने वाले चेहरे पर एक बेहद पुरानी स्मृति की लम्बी छाया फैल गयी.

Popular Posts