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तुम्हारी नियति

फूलों का मौसम न था

मन में छुपे बुलावे

टला हुआ निर्णय.

पोटाश बम

कांच के टुकड़ों की खेती

उलझन

एक रूमानी चीज़

चौथा धंधा - अयोध्या प्रसाद गौड़

हो रही छिन झिंग छिनिंग झिंग

तुम कुछ नहीं हो.