हो तो फिर

नदी में ठहरी रहे कोई नाव
पोखर के पानी पर पड़ा हो सूखा पत्ता
रेत के धोरे पर हो सोनल घास का बूंठा
तब ही सुंदर लगता है किसी का इतना बड़ा होना।


दिल पर भी होना चाहिए कोई ज़ख्म।
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