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एक और बरस का अवसान

बहाने से

छीजने की आहट

सर्द रात

सब कुछ किसी स्याही में

तीज का चांद

जो होना है

कितना।

"शुक्रिया" मैं मुस्कुराया

अजनबी बने रहने का दांव

किस के होने की याद आई