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Showing posts from May, 2010

खूबसूरत लड़की, तीस डिग्री पर खिला चाँद और कुछ यादें

आओ पी के सो जाएं, महंगाई गयी तेल लेने

दोस्त ज़ोर्ज, एक मास्टर कवि ने तुम्हारी याद दिला दी

टिटहरी इस बार ऊंची जगह पर देना अंडे

भाजपा का हमला नहीं, ज्यादा खा चुकी बकरी के आफरे के बाद की मिंगणियां है

स्त्री विमर्श की किंवदंती पाकिस्तान चली गयी, तनहा कवि अब दीवारों से सर फोड़ता होगा

जियें तो जहाँ में दिमित्रोफ़ होकर