अख़बार का मुखपृष्ठ

निर्भया केस में अपराधियों को मृत्युदंड का वारंट जारी। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा है कि इसमें सात साल लग गए। ये तंत्र बदलना चाहिए।

अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की तस्वीर लगी है। वे जेएनयू में आंदोलनरत छात्रों का समर्थन करने आई हैं।

जेएनयू में हुई हिंसा के मामले में छात्र नेताओं के विरुद्ध वाद दायर किये गए हैं जबकि हमलावरों में से कोई भी नहीं पकड़ा गया है। प्राध्यापक सुचरिता सेन ने हत्या के प्रयास की धारा में एफआईआर लिखने की मांग की है।

पुलिस ने घायल आइशी घोष, साकेत मून सहित अट्ठारह छात्रों के विरुद्ध तोड़फोड़ और राजकार्य में बाधा पहुंचाने जैसी धाराओं में मुकदमा कर लिया है।

पिंकी चौधरी ने जेएनयू हमले की ज़िम्मेदारी उठाई है और कहा है कि इसी तरह सबके साथ किया जाएगा।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को निर्देश दिया है कि वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पुलिस द्वारा मानवाधिकारों के हनन की जांच कर रिपोर्ट पेश करे।

भारत सरकार को आशंका है कि वर्ष 2019-20 की भारत की जीडीपी माने सकल घरेलू उत्पाद का आंकड़ा पिछले बरस के 6.8 की जगह गिरकर अगली तिमाही तक 5 प्रतिशत के नीचे जा सकता है।

एक अंतरराष्ट्रीय समाचार है कि ईरानी जनरल सुलेमानी के अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़ में पददलित होकर पचास लोगों की जान चली गयी है। इसके साथ लगी तस्वीर में एक बिलखती व्याकुल महिला दिख रही है। नीचे लिखा है। सूचना केंद्र के बाहर एक औरत अपने भाई के बारे में पता करते हुए।

मुखपृष्ठ के स्टीमर में अभिनेत्री सदफ ज़फर का उल्लेख करता हुआ समाचार है। सदफ को बूटों से पीटा गया। उनको अपमानित करने के लिए भद्दे वाक्य कहे गए। सत्तर वर्षीय पूर्व आईपीएस दारापुरी ने कहा है कि पुलिस ने उनको ओढ़ने के लिए कम्बल तक नहीं दिया। चौबीस घंटे भूखा रखा गया।

इसके आगे भीतर के समाचार मैंने पढ़े नहीं है। पारदर्शी शीशों के बाहर सर्द मौसम में घने बादल छाए हुए हैं। समाचार पढ़ लेने के अपराध के बाद सोच रहा हूँ। क्या सोच रहा हूँ? जाने क्या।