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एक स्थगित क्षण

उन हथेलियों में कई सारे रास्ते हैं

जैसे नंगी पीठ पर फिसलता हो पंख

किसी ख़राब साधू का दिया हुआ शाप

कोई ऐसी जगह मालूम है?

चीज़ें बदल चुकी होती हैं

सुरिन तुम्हें याद है, वहां एक नन्हा गुलमोहर था - एक

सामने खड़ी पीछे छूटी हुई चीज़ें

वहां जाने और भी क्या रखा हो

मौसमों के बीच फासले थे - अंतिम

मौसमों के बीच फासले थे - पांच