तुमने मेरे लिए कुछ किया था

ये लोहे का जाल लगाया तब इसके साथ मालती, जूही, अमृता, रातरानी और अपराजिता की लताएं भी लगाई थी। अपनी गति से लताएं बढ़ती गई हैं।

अमृता ने बेहद तेज़ गति से पूरे जाल को हथिया लिया है। इसलिए जाल का एक कोना खाली करना पड़ा। अमृता को हटाया ताकि मालती चढ़ सके। उसे धूप मिले।

जीवन में कभी कोई सम्मोहन, लालच, चाहना हमको इस तरह ढक लेती है कि बाकी सब बातें मिटने लगती हैं। हम उसी के अधीन हो जाते हैं। जीवन एकरस हो जाता है। एकरसता से ऊब होती है। ऊब से उदासी आती है। उदासी कभी हमको हताश भी कर देती है।

कभी किसी को अपने जीवन पर इस तरह न पसरने देना कि केवल वही रह जाए। वह मन पर एक अंधेरा कर दे।

नए लोगों से मिलना, कलाओं के संसार से संवाद करना, अकेले बैठना, सिनेमा जाना, किताबें पढ़ना, गलतियां करके न पछताना जैसे अनेक काम करते रहने की जगह जीवन में बची रहनी चाहिए।

जिस काम में आंखें मूंद कर डूबे हो, एक रोज़ वह काम ये मानने से इनकार कर देगा कि तुमने मेरे लिए कुछ किया था।

शुक्रिया। ❤️

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