तस्वीरों में दुःख

मनुष्य को निकट से देखोगे। उसके दुःख को समझने की कोशिश करोगे। उसकी आवाज़ बनोगे तो तुम सच्चे मनुष्य बन जाओगे। 

जीवन तो सबका गुज़रता ही है। 

सोनी ने इस वर्ष के लिए प्रोफेशनल फ़ोटोग्राफ़र ऑफ ईयर का पुरस्कार एडम फर्ग्युसन को दिया है।  
फ़ोटो खींचने की तकनीक में कमाल की प्रगति हुई है। लेंस और बॉडी गुणवत्ता से ऐसी तस्वीरें खींची जा सकने लगी हैं कि हम उन पर सहसा विश्वास नहीं कर सकते। 

इतने क़ीमती कैमरा एडम के पास नहीं थे। उनके पास साधारण कैमरा था। एक ट्राइपॉड और एक केबल। लेकिन महंगे कैमरा वाले फ़ोटोग्राफ़र्स से एक अतिरिक्त चीज़, उनके पास थी। मनुष्यता। 

एडम ने अमेरिका में प्रवेश करने की राह देख रहे शरणार्थियों के जीवन का डॉक्यूमेंटेशन किया था। उन्होंने ज़िंदा रहने के लिए शरण मांगने वाले लोगों के दुःख को, उनके असहाय जीवन को तस्वीरों में उतारा। 

अपने आस पास के जीवन को देखिए। उसकी तकलीफ़ों को लिखिए। हर प्राणी की मदद की सोच रखिये। मनुष्य बनने की ओर बढिए। 

[सूचना स्रोत - रेडिफ न्यूज़]

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