तुम्हारी आवाज़ में अपना नाम

नीले रंग के मकाऊ तोते उड़ते हुए आते हैं। मैं उनकी आंखों के पास बने पीले गोल घेरे देखने लगता हूँ। कभी अचानक बोहेमियन वेक्सविंग चिड़ियों का झुंड आ जाता जाता है। उनकी आँखों के ऊपर बनी स्याह बूमरेंग के नीचे सफेद लकीर में खो जाता हूँ। कितने ही सुंदर पंछी और उनकी बेहिसाब सुंदर आंखें मेरा मन बांध लेती है।

एक रोज़ कभी तुम्हारी चमकती आंखों से उड़ते जादू के बादल मुझे घेर लेते हैं। मैं उस जादुई धुंध में सब पंछियों की आंखें भूल जाता हूँ।
मैं इंतज़ार करने लगता हूँ कि तुम्हारी आँखें बोल पड़ेंगी।
मैं कितनी ही बार तुम्हारी आवाज़ में अपना नाम सुनना चाहता हूँ। लेकिन अब मेरी चाहना कितनी अजीब हो गई है कि मैं चाहता हूँ तुम्हारी आँखें मुझे पुकार ले।
शायद इसलिए कि तुम्हारी आवाज़ का बरसों इंतज़ार करने के बाद अब प्रेम और गहरा हो गया है। वह शब्दों से परे देखने में सुनना चाहता है।
मेरा नाम कितना मामूली है और तुम्हारा पुकारना उसे कितना ख़ास बना सकता है। ये लिखना बहुत कठिन है।उतना ही कठिन जितना कि तुमको प्रेम करने से ख़ुद को रोक पाना।
तुम्हारा साथ मुझे कितना नया कर देता है। मैं उस आदमी को भूल जाता हूँ जो कहना चाहता है कि मुझे तुमसे प्रेम है।
ये नया आदमी तुमको चुपचाप देखता रहता है।
तुमको।

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